इतने बदनाम हुए हम तो इस ज़माने में
तुमको लग जाएंगीं सदियाँ हमें भुलाने में
न तो पीने का सलीका न पिलाने का सुहूर
ऐसे ही लोग चले आये हैं मयखाने में
आज भी उसके लिए होतीं हैं पागल कलियाँ
जाने क्या बात है नीरज के गुनगुनाने में
नदीम नैयर
बाद में बेचता है अपनी दवाएं क़ातिल
पहले हर शख्स को बीमार किया जाता है
झूठ की आज हुकूमत है ज़माने भर में
जो भी सच्चा है वो बर्बाद किया जाता है
पहले हर शख्स को बीमार किया जाता है
झूठ की आज हुकूमत है ज़माने भर में
जो भी सच्चा है वो बर्बाद किया जाता है
गोपालदास नीरज
कांपती लौ, ये स्याही, ये धुआं, ये काजल
उम्र सब अपनी इन्हें गीत बनाने में कटी
कौन समझे मेरी आँखों की नमी का मतलब
जिंदगी गीत थी पर जिल्द बंधाने में कटी
उम्र सब अपनी इन्हें गीत बनाने में कटी
कौन समझे मेरी आँखों की नमी का मतलब
जिंदगी गीत थी पर जिल्द बंधाने में कटी
आसिफ
उसे दरकार हैं सजदे भी मेरे, मेरा सर भी उड़ाना चाहता है
चिरागों की हिफाज़त करने वाला, हवाएं भी चलाना चाहता है
तेरी बख्शी हुई इस जिंदगी को, कहाँ ले जाऊं आसिफ ये बतादे
तबीयत कुछ बनाना चाहती है, मुक़द्दर कुछ बनाना चाहता है
चिरागों की हिफाज़त करने वाला, हवाएं भी चलाना चाहता है
तेरी बख्शी हुई इस जिंदगी को, कहाँ ले जाऊं आसिफ ये बतादे
तबीयत कुछ बनाना चाहती है, मुक़द्दर कुछ बनाना चाहता है
मीर तकी मीर
इश्क़ में न खौफ़-ओ-खतर चाहिए
जान के देने को जिगर चाहिए
शर्त सलीका है हर इक उम्र में
ऐब भी करने को हुनर चाहिए
जान के देने को जिगर चाहिए
शर्त सलीका है हर इक उम्र में
ऐब भी करने को हुनर चाहिए
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