राम अवतार त्यागी

आने पर मेरे बिजली-सी कौंधी सिर्फ तुम्हारे दृग में
लगता है जाने पर मेरे सबसे अधिक तुम्हीं रोओगे

मैं आया तो चारण जैसा
गाने लगा तुम्हारा आँगन
हंसता द्वार, चहकती ड्योढी
तुम चुपचाप खड़े किस कारण
मुझको द्वारे तक पहुंचाने
सब तो आये तुम्हीं न आये
लगता है एकाकी पथ पर
मेरे साथ तुम्हीं होओगे

मौन तुम्हारा प्रश्न-चिन्ह है
पूछ रहे शायद कैसा हूँ
कुछ-कुछ चातक से मिलता हूँ
कुछ-कुछ बादल के जैसा हूँ
मेरा गीत सुना सब जागे
तुमको जैसे नींद आ गयी
लगता मौन प्रतीक्षा में तुम
सारी रात नहीं सोओगे

तुमने मुझे अदेखा करके
संबंधों की बात खोल दी
सुख के सूरज की आँखों में
काली-काली रात घोल दी
कल को यदि मेरे आँसू की
मंदिर में पड़ गयी ज़रूरत
लगता है आँचल को अपने
सबसे अधिक तुम्हीं धोओगे

परिचय से पहले ही बोलो
उलझे किस ताने-बाने में
तुम शायद पथ देख रहे थे
मुझको देर हुई आने में
जग भर ने आशीष उठाये
तुमने कोई शब्द न भेजा
लगता तुम भी मन की बगिया में
गीतों का बिरवा बोओगे

8 comments:

अभिषेक मिश्र said...

आने पर मेरे बिजली-सी कौंधी सिर्फ तुम्हारे दृग में
लगता है जाने पर मेरे सबसे अधिक तुम्हीं रोओगे

क्या बात है, स्वागत.

MAYUR said...

आपको पड़कर अच्छा लगा ,हिन्दी ब्लॉग जगत मैं सक्रियता बनाएं रखें ,धन्यवाद्
अपनी अपनी डगर sarparast.blogspot.com

रचना गौड़ ’भारती’ said...

सुंदर रचना
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

Udan Tashtari said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपके इस चिट्ठे का भी हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

इस्लामिक वेबदुनिया said...

शुभकामनायें

bijnior district said...

हिंदी लिखाड़ियों की दुनिया में आपका स्वागत। खूब लिखे। अच्छा लिखें हजारों शुभकामंनाए।

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

वाह!!!!

विजेट आपके ब्लॉग पर