भीग जाती है
जब बारिश आती है
नदी
भर जाती है
जब बारिश आती है
धरती
गीली हो जाती है
पर बहुत मुश्क़िल है
इस तरह
आदमी का
भीगना और
भर पाना
आदमी के पास
बचने का
उपाय है ना!
जज़्बात जब शेर-ओ-सुख़न की शक्ल इख्तियार कर लेते हैं तो सभी को अपने-से लगते हैं। ये बज़्म है कुछ ज़हीन शायरों की......
1 comment:
सही है!
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