अजीम शाकरी

मुसलसल हँस रहा हूँ गा रहा हूँ
तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ
किनारे मेरी जानिब बढ़ रहे हैं
मगर मैं हूँ कि डूबा जा रहा हूँ

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