हमें मालूम है हम से सुनो महशर में क्या होगा
सब उस को देखते होंगे वो हमको देखता होगा
जहन्नुम हो कि जन्नत जो भी होगा फैसला होगा
ये क्या कम है हमारा और उस का सामना होगा
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जज़्बात जब शेर-ओ-सुख़न की शक्ल इख्तियार कर लेते हैं तो सभी को अपने-से लगते हैं। ये बज़्म है कुछ ज़हीन शायरों की......
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