जिगर मुरादाबादी

हमें मालूम है हम से सुनो महशर में क्या होगा
सब उस को देखते होंगे वो हमको देखता होगा
जहन्नुम हो कि जन्नत जो भी होगा फैसला होगा
ये क्या कम है हमारा और उस का सामना होगा

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